समाज की नीतियां

ऐरे-गैरों के साथ भागकर आख़िर क्या मिलता है ? _______________________________ ऐसा करने से तो…. अपना समाज कमजोर बनता है, सौभाग्य से मिला हुआ धर्म नष्ट होता है, मां-बाप और परिवार की आबरू जाती है उन्हें रुला कर कोई सुखी नहीं हो पाती है, संस्कार और संस्कृति का सर्वनाश होता है, अभावग्रस्त, चिंतातुर, असुरक्षित जिंदगी होती है. भाग कर गयी हुई अधिकांश कन्याएं आज दुःखी हैं, परेशान होकर अनेकों ने तो आत्महत्या कर ली है. हजारों कन्याएं भागकर, औंधे मुंह की खाकर, वापस घर आयी हैं.वे न घर की रही हैं, न घाट की. हजारों ऐसी कन्याएं हैं, जिनके दूसरी बार विवाह करवाने पड़े हैं. पहला विवाह जिंदगी की मजबूती है, दूसरा विवाह तो जिंदगी की मजबूरी है. मजबूरी की जिंदगी भी क्या जिंदगी ! ⭕️'जरा सोचिये...🤔 शारीरिक सुख की चाह में, भावनाओं के आवेग और एट्रेक्शन में, भागकर शादी तो कर लोगी, पर आपके भविष्य का क्या होगा ? किसी से आकर्षित होकर, पूरे खानदान से बेवफ़ाई क...