हमारा तिरंगा राष्ट्र का तिरंगा (कविता)
गणतंत्र दिवस आया भाई, गणतंत्र दिवस आया ।
सबका प्यारा, सबका न्यारा, हमारा गणतंत्र दिवस आया ।
हमारा संविधान आया, भारत का कानून व्यवस्था आयी ।
इसी से हमारी पहचान हुई, इसी से हमारी सम्मान ।
बच्चे-बुजुर्ग सभी चलें गणतंत्र दिवस का झंडा फहराने ।
हमारे मन पावन, सब के मनभावन हमारा प्यारा गणतंत्र दिवस ।
यह हमारा पर्व है, सविधान का पर्व है, सबका पर्व है ।
छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास को पदार्पण हुआ और स्वतंत्र गणराज्य बनाया ।
चाचा नेहरू,डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का अहम योगदान रहा ।
गणतंत्र दिवस ने भारत को लोकतांत्रिक देश बनाया और हमलोगों को मौलिक अधिकार और सम्मान दिलाया ।
सुनो भाइयों, सुनो बहनों, सभी दिल्ली चलें
भारत के राष्ट्रपति महोदय के झंडात्तोलन देखने चलें ।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की सलामी देखने चलें ।
परेड के साथ इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन चलें।
हमारे भारत देश के सिपाही सभी को सलाम करते चलें ।
भारत की धरोहरों की शान और विलासिताओं को देखने चलें ।
हमारा गणतंत्र दिवस राष्ट्रीयता का भाव जगाता ।
स्वतंत्रता आंदोलन के वीर शहीदों की याद दिलाता ।
हमारे देश की संस्कृति और विविधताओं की पहचान कराता ।
करोड़ों लोगों के दिलों में भारत माता की जय का भाव जगाता ।
सभी प्रण लें कि हिंदुस्तान के नदी, पर्वत - पहाड़, जंगल, खेत-खलिहानों का संरक्षण और सम्मान करें ।
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