लोगों को नहीं अपने दिल की सुने
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🔶'लोगो की नहीं अपने दिल की सुने'🔶
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एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था । चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को, जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे। जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी। यह देख वह बहुत दुखी हुआ।
उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था। तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई । उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे।
उसने अगले दिन यही किया।
शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया। उस ने हर तरफ अच्छे से बार बार देखा एक भी निशान कही पर भी नहीं मिलावह संसार की रीति समझ गया । "कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है
शिक्षा - यही जिंदगी है दोस्तों कमी निकालने वालो की इस दुनिया में कोई कमी नहीं है, लोग तो आप के अच्छे कार्यो में भी कमी निकाल लेते है। इसलिए दुनिया की ना सोचे की लोग क्या कहेंगे वो करे जो आप को अच्छा लगे जो आप को सत्य लगे
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