समाज की नीतियां


                 ऐरे-गैरों के साथ भागकर
                 आख़िर क्या मिलता है ?
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ऐसा करने से तो….

अपना समाज कमजोर बनता है,
सौभाग्य से मिला हुआ धर्म नष्ट होता है,
मां-बाप और परिवार की आबरू जाती है
उन्हें रुला कर कोई सुखी नहीं हो पाती है,
संस्कार और संस्कृति का सर्वनाश होता है,
अभावग्रस्त, चिंतातुर, असुरक्षित जिंदगी होती है.
भाग कर गयी हुई अधिकांश कन्याएं आज दुःखी हैं,
परेशान होकर अनेकों ने तो आत्महत्या कर ली है.
हजारों कन्याएं भागकर, औंधे मुंह की खाकर, वापस घर आयी हैं.वे न घर की रही हैं, न घाट की.

हजारों ऐसी कन्याएं हैं, जिनके दूसरी बार विवाह करवाने पड़े हैं.

पहला विवाह जिंदगी की मजबूती है,
दूसरा विवाह तो जिंदगी की मजबूरी है.
मजबूरी की जिंदगी भी क्या जिंदगी !

⭕️'जरा सोचिये...🤔

शारीरिक सुख की चाह में, भावनाओं के आवेग और एट्रेक्शन में, भागकर शादी तो कर लोगी, पर आपके भविष्य का क्या होगा ?

किसी से आकर्षित होकर, पूरे खानदान से बेवफ़ाई कर, मनमाने ढंग से निर्णय लेकर जिंदगी फलेगी-फूलेगी नहीं !!

अपने समाज में या अपने से मिलते-जुलते समाज में भी युवकों को देखा-परखा, आज़माया जा सकता है.

एक तरफ समाज में कन्याओं की कमी हैं, दूसरी ओर भागकर अन्यत्र विवाह करने से समाज के युवकों की राह मुश्किल हो रही. इसमें आपके चाहने वाले भाई भी हो सकते हैं !

लोग कहते हैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ. अब कन्याओं की बेवफ़ाई से दुःखी होकर लोग कहने लगे हैं कि बेटी से बचाओ ! यह बहुत गौर करने जैसी बात है.

कहीं आपके गलत कदम से माता-पिता को यह महसूस न हो कि हमने बिटिया को जन्म देकर बहुत बड़ी गलती की !

याद रखो कि श्रेष्ठ खून से ही श्रेष्ठ संतानें पैदा होती हैं. ऐरे-गैरे युवकों से तो आप ऐरी-गैरी संतानों को जन्म दोगी,

उन संतानों का क्या होगा ?

वे कैसी होंगी और आपकी व उनकी जिंदगी का क्या हश्र होगा ?

इतने बड़े सभ्य, संस्कारी, पढ़े-लिखे, समृद्ध समाज में क्या आपको अच्छे जीवन साथी नहीं मिल सकते ?

क्या दीन-हीन, गरीब, सामान्य या निम्नस्तर के युवक के साथ भाग जाना ही जिंदगी की सफलता है ?

नहीं ! यह नादानी और पागलपन है.

मनोविज्ञान तो कहता है कि श्रेष्ठ बनने या श्रेष्ठ रहने के लिए श्रेष्ठ जीवन साथी का चुनाव आवश्यक है, जो अपने संरक्षण के साथ-साथ, समाज, धर्म, परंपरा और संस्कृति का पालक व पोषक हों !

इसीलिए किसी से आंख मिलाने से पहले सोचो,
किसी को मित्र बनाने से पहले सावधान बनो,
किसी को दिल देने से पहले किसी सही इंसान की सलाह लो,आपका एक गलत निर्णय आपकी पूरी जिंदगी को तबाह कर सकता है !

मानों न मानों, पर समाज ही अपनी सबसे बड़ी सुरक्षा है और अपना परिवार ही सुख-शांति का हरा-भरा आशियाना है.

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