महाराष्ट्र

मैं महाराष्ट्र हूँ....
शंहशाह ही मेरा राज्य 
मराठों के भूमि यह
सब राज्यों के है सरताज
संत-परमात्मा बसे यहाँ
अजंता एलोरा एलीफेंटा है 
यहाँ गेटवे ऑफ इंडिया का राज
चंद्रआभाओं के जुन्हाई जिन्हें भाएँ
वन्दनीय-पूज्यनीय के ये राज्य
इतिवृतो के पन्नों के धरोहर में
अस्सक अशोक बम्बई देखा
मौर्यो वकटको चालुक्य आएँ
खिलजी तुग़लक़ औरंगजेब देखा 
देवगिरी सोपर नान्देड राष्ट्रकूट राजवंश में
हजूर साहिब वाड़ा किला जैसे ताज देखा
स्वच्छन्द हुए, स्वतन्त्र हुए हम और राज्य
०१ मई १९६० आविर्भाव मेरा रीवा में
छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि में
विजयनगर के कृष्ण देव राय को देखा

--- वरुण सिंह गौतम


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