ए- वृहत् महामारी गरीबी


इस जिंदगानी में गरीबी
क्या से क्या करवा सकती ?
गरीबी एक दैन्य समस्या
जो छाई हुई पूर्ण भारत में
भारत ही ऐसा मुल्क नहीं
जहां निर्धन को भूखे हमल
सोना पड़ता फुटपाथों पर
गरीबी एक वृहत् महामारी ।

गरीबी का नाम सुन के
और मनन कर – कर के
अभी भी इन विलोचन से
आँसू की धारा श्रवनाती
क्या कर सकता हूं मैं
कैसे ऐसे- ऐसे लाखों,
करोड़ों को बचा सकता हूं
गरीबी एक विपुल समस्या।

मैंने खुद देखा भव में
अपनी नग्न नयनों से
गरीबी क्या होती ?
आज भी देख रहा हूं
निर्धन भूखे बच्चों को
जिसकी उम्र नादानी की
वह अपना कुक्ष पालन हेतु
भीख न मांगकर, करता श्रम
न के सम करता मदद इन्हें कोय।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

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