कलम


कलम हम विद्यार्थियों की
होती कृपादृष्टि , उत्कंठा
इन्हीं से करते लिखा-पढ़ी
इनका दत्तांश बड़ा अलभ्य।

यही हमे सबकुछ मँजवाती
इस भगदड़ की जिंदगानी में
हयात जीने से लेकर के हमें
देहावसन तक देती कई ज्ञान ।

पढ़ने लिखने वालों को यह
देती सबों को प्रतिष्ठा कलम
यही हमारा हथियार कलम
रियाज़त का दिलदार कलम ।

खड़का से ही देते इम्तिहान
जिन से श्रमी हो पाते सफल
जिनसे वह इस भव, जग की
रच देते इतिवृत कलम से ही ।

कलम हमारी ए- प्राणशक्ति
यही हमारी ए – इश्क – यारी
करते हमसब इनका सम्मान
यही हमारे विधाता स्वरूप ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

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