पद्माकर की रचना
कूलन में केलि में कछारन में कुंजन में,
क्यारिन में कलित कलीन किलकंत है।
कहै पदमाकर परागन में पौनहू में
पातन में पिक में पलासन पगंत है।
द्वारे में दिसान में दुनी में देस देसन में
देखौ दीपदीपन में दीपत दिगंत है।
बीथिन में ब्रज में नबेलिन में बेलिन में
बनन में बागन में बगरयौ बसंत है।
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