स्वर कोकिला


जो शौकीन थे संगीत के
जो तीस से ज्यादा भाषाएं,
गैर भाषाओं में गाए गीत
उस संगीत की सितारा को
सलाम करती जगत सारी ।

जिन्होंने दो हजार बाईस को
खलक को किया अलविदा
जो चल बसी बेराननवे वर्ष
उस संगीत की वज्रमणि को
सलाम करती जगत सारी ।

जिन्हें हम जाने कई नामों से
स्वर- साम्राज्ञी, स्वर कोकिला
और राष्ट्र की आवाज आदि से
उस संगीत की आभा, द्युति को
सलाम करती यह जगत सारी ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय बिहार

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रामधारी सिंह दिनकर कविताएं संग्रह

मेसोपोटामिया सभ्यता का इतिहास (लेखन कला और शहरी जीवन 11th class)

आंकड़ों का सारणीकरण तथा सारणी के अंग Part 2 (आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण) 11th class Economics