रात अभी बाकी है



तुम कहते स्वर्ण वियान हुआ,
मैं कहाता रात अभी बाकी है ।
तुम कहते देश आजाद हुआ,
मैं कहता गुलामी अभी बाकी है ।
रात अभी बाकी है ।


गली-गली में भूखे सियार घूम रहे हैं,
 रोटी-रोटी कह कुत्ते भौंक रहे हैं ।
जब तक देश की जनता भूखी है,
 आजादी का आना अभी बाकी है।
 रात अभी बाकी है ।


घूम रहे हैं चोरों बंटवारे के दल,
 पहरेदार सब सीटी बजा रहे हैं ।
आतंक - से कांप रही जनता, 
भयमुक्त समाज बनाना बाकी है।
 रात अभी बाकी है।


 आए दिन बच्चे गड्ढे में गिरते हैं,
 कौन सुनता है ? बेमौत मारे जाते हैं ।
 बन गया संवेदनहीन समाज सारा,
 संवेदनशील सरकार बनाना बाकी है ।
 रात अभी बाकी है ।


जुगनू के प्रकाश में विकास खोजते हो,
सन-सन करती रात में स्वप्न देखते हो ।
 उषा की लाली में विकास-पथ देखा था,
 सुप्रभात का आना भी बाकी है ।
रात अभी बाकी है ।


तुम कहते स्वर्ण विहान हुआ,
 मैं कहता रात अभी बाकी है।

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