जीवन की सीख



सीखा तुमने ज्ञान बहुत 
अब अज्ञान सीख लो 
खोलो विस्मय की आंखें 
तोड़ो विस्मृति के भ्रम को 


देखो चकमक पत्थर 
पक्षी के गीत सुनो 
देखो रंग-रिंग सवेरा 
मधुर-मधुर संगीत सुनो 


सुनो ध्वनी कितनी हैं ?
 किस लोक से आती हैं ?
जग का जीवन एक कला है 
नहीं जानते कुछ हम


अज्ञानता ही संपत्ति है
 इसे सुरक्षित रहने दो 
हमें अज्ञानी बनने दो ।
जीवन एक प्रार्थना है 


धर्मोपदेश कूड़ा-कर्कट है 
जीवन का लक्षण संवेदना है 
मृत्यु संवेदनहीन है 
सुख में जीवन की खातिर 


तुम सरल और विनम्र बनो 
बीमारी का पता तो चलता है
 स्वास्थ्य का पता नहीं चलता 
जीवन का केन्द्र प्रेम है


 प्रेम बिना जीवन बेकार है 
सौंदर्य-रूप-सुगंध संगीत से 
जीवन को सुवास से भर देना है 
हमें हंसते हुए जीना है 
हंस-हंस कर मर जाना है ।

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