आत्मा की आवाज
दामिनी की आत्मा बोल रही हूं
मैं आकाश में डोल रही हूं
मेरी एक प्रतिमा लगा दो
सुनो - सुनो मेरी आवाज सुनो
मेरी प्रतिमा से प्रेरणा मिलेगी
नारियों को लड़ने की शक्ति मिलेगी
आओ नाम लिखाओ नहीं छुपाओ
एक क्रांतिकारी दल बनाओ
दुष्टों का नहीं होता कोई रिश्ता
हिंसक जानवर मांस नहीं छोड़ता
जिसने बहन कहकर बुलाया
सबसे अधिक शातिर निकला
इंडिया और भारत दोनों
शहर और देहात के लोग
इंडिया अमीर भारत गरीब
सभी साथ साथ रहते हो
सुनो - सुनो मेरी आवाज सुनो
इंडिया की लड़की लड़ती है
भारत की घुट-घुट कर मरती है
आदिवासी बुड़िया छोटी गुड़िया
कहां की है ? सोच कर बोलो
सुनो सुनो मेरी आवाज सुनो
मोबाइल का मुझको ज्ञान नहीं
मलिन कपड़ों में लिपटी हुई
जब शौच के लिए जाती हूं
भूखे भेड़िए टूट पड़ते हैं
मैं मुंह नहीं खोल पाती हूं
ज्वाला में जीवन भर जलती हूं
या फांसी पर झूल जाती हूं
मुझ पर तब क्या बीतती है
जब भेड़िए का पक्ष लेते हो
भौतिक की संस्कृति की बात उठाकर
क्यों लोगों को भरमाते हो
क्या अध्यात्मिक अड्डों पर
बलात्कार नहीं होता बोलो ?
सुनो सुनो मेरी आवाज सुनो
सरस्वती हिरणी सम घबरायी थी
जब ब्रह्मा का आसन डोला था
अहिल्या को स्वीकृति देनी पड़ी ?
जब कामुख बलशाली इंद्र खड़ा था
केसरी गए थे जब समर भूमि में
देव पवन ने मुंह काला किया था
कामवासना से पीड़ित होकर
सौ नारियों का हाथ पैर तोड़ा था
भ्रूण हत्या देख ममता विवश थी
तब बृहस्पति ने उसे रौंदा था
पौराणिक कथाओं को जानते हो
सुनो - सुनो मेरी आवाज सुनो
टिप्पणियाँ