शांति गीत



आओ आज कबूतर उड़ाएं 
शांति के गीत मिलकर गाएं 
अमन - चैन   जहां   रहेगा 
खुशहाली    वही      रहेगी
दिल  को  दिल  से  मिलाएं 
आओ आज कबूतर  उड़ाए 


जहां रहता  है  शांत  गगन 
चिड़िया वही चहचहाती  है 
निर्मल   आकाश   में  तारे 
चंदा   संग   टिमटिमाते  हैं 
आओ  हम  सब   मिलकर
शांति   का परचम  फहराएं
आओ आज कबूतर  उड़ाएं 


नफरत   और    जंग   दोनों 
दुश्मन      है     अमन    के 
हो   गए     शहीद    कितने 
बेकसूर      मासूम     बच्चे 
बीत   गए     कितने   दिन 
आंखों  से   आंसू   बरसते 
मासूमों  को  आज  बचाएं 
आओ आज कबूतर उड़ाए 


जग में जग छिड़ता  है  कब  ?
जब  अंधराष्ट्रभक्ति  फैलती  है 
शांति   भंग   होती    है   कब 
जब नभ से  अंगारे  बरसते  हैं 
छोड़ो देशभक्ति की बेसुरी राग 
विश्वभक्ति   के    गीत    गाए 
आओ   आज  कबूतर  उड़ाए 


जब धमाके पर धमाके होते हैं 
सड़क रास्ते हो जाते सुनसान
सहमे -  सहमे  सब  रहते  हैं 
बच्चे ,  बूढ़े    और     जवान 
बेमौत  मरती    है    मानवता
मानवता को हम आज बचाएं 
आओ   आज  कबूतर  उड़ाएं 


हथियार     बेनाने - बेचने   वाले 
राष्ट्र - संस्कृति के नाम जपनेवाले
घृणा -  द्वेष   फैलाने   वाले  सब 
दुश्मन हैं जनतंत्र व अमन-चैन के 
जंग   और दंगा करने  वालों  को
हम  सब  मिलकर  मार   भगाएं
आओ   आज    कबूतर   उड़ाएं


हमें  आज   अमन   लाना   है
फिर  से  हंसी  खुशी  पाना  है 
जब   घर  में   खुशी  छाती  है 
तब   बच्चे   वहीं  मुस्कुराते  हैं 
पूंजीपतियों   के  हथकण्डों  से
जनता  को   हम  आज  बचाएं
आओ   आज    कबूतर  उड़ाएं 

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