जिंदगी और मौत




जीवन की पहचान है जिंदगी,
मौत करता समाप्त जिंदगी ।
जीवन की प्रिय चाह है जिंदगी,
 मौत पर विजय है जिंदगी ।


अंधेरा मौत, प्रकाश है जिंदगी,
 घृणा मौत, प्यार है जिंदगी ।
पूर्णविराम मौत, वाक्य में जिंदगी,
 मौत मौन है,वचाल है जिंदगी ।


मौत गुलाम है, आजाद है जिंदगी,
 मौत बांध है, प्रवाह है जिंदगी ।
मौत श्राप है, वरदान है जिंदगी,
 मौत ढलता शाम, प्रभात है जिंदगी ।


निराशा है मौत, आशा है जिंदगी,
 रुकना है मौत, चलना है जिंदगी ।
 रोना है मौत, हंसना है जिंदगी,
शैतान है मौत, भगवान है जिंदगी ।


भयभीत मौत है, निर्भय है जिंदगी,
पाताल मौत  है,आकाश है जिंदगी ।
 मौत मूल्यहीन है,श्रेष्ठ है जिंदगी,
नष्टता मौत है, निर्माण है जिंदगी ।


मौत अंत है, अनंत है जिंदगी,
 हारता मौत, संघर्ष करता है जिंदगी ।
 पिछड़ा है मौत, विकास है जिंदगी,
सोता है मौत, जागता है जिंदगी ।


आसान मौत है, कठिन है जिंदगी,
 असुंदर मौत, सुंदर है जिंदगी।
स्थिर मौत है, विकल है जिंदगी,
 मौत शांत, अशांत है जिंदगी।


 समस्या मौत, समाधान है जिंदगी,
 मौत सवाल है, जवाब है जिंदगी ।
मौत बेखबर, जागरुक है जिंदगी,
 मौत शाम, प्रभात है जिंदगी ।


दिल की ऊंचाई है जिंदगी,
 त्याग-तप से बनती है जिंदगी ।
 सृजन की समर्पित है जिंदगी,
आशा की डोर पर चढ़ती है जिंदगी ।


क्षणभंगुर है कौन सत्य है,
 मौत एक क्षण, शतवर्ष है जिंदगी । 
मौत एक ध्रुव है, दूसरा है जिंदगी,
दोनों ध्रुव सत्य है, मौत और जिंदगी ।


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