न झुकेगे हम


हम सच्चाई के पथ पर
निरंतर अग्र उद्वर्धन रहेंगे
चाहे कितनी भी दुश्वार
आ जायेगी इस पंथ में
हम बिल्कुल ना झुकेंगे …

इस निर्व्याज के पथ पे
चलने में हम सबों को
पंथ भटकाने वाले अति
मिलेंगे इस भव, जहां में
हम बिल्कुल ना झुकेंगे …

इस संघर्ष के महायुद्ध में
कई उद्यमी हो जाते व्यर्थ
आखिर की कुछ श्रमचेष्टा
छोड़ के बन जाते निष्फल
हम बिल्कुल ना झुकेंगे …

अल्पकाल के इस जिंदगी में
कब है और कब न रहेंगे हम
कुछ श्रेष्ठ-उमदा करके जायेगे
जिनसे याद करेगी भव हमें
हम बिल्कुल ना झुकेंगे …

कवि :- अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

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