खेल-कूद


खेल -कूद हम सबो को
गरज पड़ती है अनवरत
स्वस्थ रहने के लिए हमें
नित्य रूप से खेल -कूद।

शारीरिक रुप से खेल -कूद
होता जोर, मुगदर के समान
इससे हम सब आरोग्य, खुश
फुर्तीला और रहते खुशहाल।

आज कल खेल-कूद से हमें
होते अनेक मुनाफे भव में
हम सबों को नित्य-प्रतिदिन
करना चाहिए खेल – कूद ।

खेल – कूद के क्षेत्र में जा कर
धन-दौलत, नाम-सम्मान, यश
कमा सकते इस भव, जहां में
बिल्कुल रोनाल्डो , विराट जैसे ।

कवि :- अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रामधारी सिंह दिनकर कविताएं संग्रह

मेसोपोटामिया सभ्यता का इतिहास (लेखन कला और शहरी जीवन 11th class)

आंकड़ों का आरेखी प्रस्तुतीकरण Part 3 (आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण) 11th class Economics