बच्चे की दुआ
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी
जिन्दगी शम्अ की सूरत हो खुदाया मेरी
दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए
हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या- रब
इल्म की शम्अ से हो मुझको मुहब्बत या-रब
हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना
दर्दमन्दों से ज़ईफों से मुहब्बत करना
मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो, उस रह पे चलाना मुझको
कवि :- मो० इकबाल
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