ज़िंदगी का हीरो

इस अनमोल सी जिंदगी में
वेदना का आना है विवेचित
इसका जो डटकर किया टंटा
वह आज उच्चशिखर पे बैठा ।

यातना इस हयात में एक नहीं,
हजार – लाख, आएंगे – जाएंगे
जो जितनी क्लेश झेलते आज
वह उतने ही कामयाब हो पाते।

ईश्वर की प्रतिभा सु’ऊबत
तकलीफों से सीखते प्रभूत
ठोकरें खा – खा कर भी हम
जानते कौन अपना – पराया।

सुख – दुख और यंत्राणों से
भरी हुई है अनमोल हयात
जो दुखो, पीड़ा को खुशी से
गुजारे वही ज़िंदगी का हीरो ।

अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

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