परिस्थिति


परिस्थितियां आती रहती सदा
हर एक मनुज को इस भव में
अवस्था में जो बांधके हौसला
करता रहता है निरंतर संघर्ष
होती उसकी विजय जगत में ।

परिप्रेक्ष्य न रहती हमेशा के
लिए किसी भी नर के पास
पृष्ठभूमि से कभी अधीरे मत
मत कभी खुशी तो यातना
यही हयात की भेंट, द्योतक ।

परिवेश में न हमसंगी कोई
हमें इस भू, जग, संसार में
स्यात् ही कोई स्वजन हमें
देता कोई- कोई का साथ
यही जिंदगी की अभिज्ञान ।

रंज, उपबंध भी होती जरूरी
हमारी इस नाजुक जिंदगी में
ठोकरें खा खाकर के हम सब
अपनी इस अनमोल सी द्वंद्व,
जिंदगी की शिखर पर पहुंचते ।

कवि :- अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार


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