महिला

हमारी जन्मदाता है वह,
सृष्टि की रचनाकार है वह,
जीवन भर साथ निभाती है वह,
वह एक महिला ही है।

अपनी चंचल भरी मन से,
जग में चंचलता लाती है वह,
अपने अतीत को सुधार कर,
भविष्य सुनिश्चित करती है वह,
वह एक महिला ही है।

सभी सफल व्यक्ति के पीछे,
होता महिला का हाथ है,
महिला के बिना ना किसी को,
मिल ना सका है मिल ना सकेगा,
मिल ना सकती सफलता है।

देश की रक्षा को ,
महिलाओं ने भी निःसंकोच,
अपने प्राणों की आहुति दी,
हमारी इच्छा की पूर्ति को,
अपनी इच्छा की कुर्बानी देती वह
वह एक महिला ही है।

नाम-उत्सव कुमार वत्स
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रामधारी सिंह दिनकर कविताएं संग्रह

मेसोपोटामिया सभ्यता का इतिहास (लेखन कला और शहरी जीवन 11th class)

आंकड़ों का सारणीकरण तथा सारणी के अंग Part 2 (आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण) 11th class Economics