तू इंसान नहीं हैवान है ( कविता )


**तू इंसान नहीं हैवान है**
कब तक बहू बेटियों की इज्जत लोगे,
तू मानव नहीं शैतान है।
तुझे भगवान कभी नहीं माफ करेंगे।
तुम्हें बस अपनी हवस मिटाना है।
आसिफा निर्भया कितने मासूमों को मारा,
आज मनीषा को भी मार दिया।
तेरी दरिंदगीं की हद है,
तू बहुत दुष्ट है।
पशु को भी थोड़ा ज्ञान होता है,
तू तो न नर हो न पशु हो।
तू बहुत बड़े हैवान हो,
तुझे जैसे शैतान के कारण,
आज भी बिटियां गुलाम है।
कुत्ते की मौत मर जाए तुझ जैसेे लोग,
जो करते हो ऐसे निर्मम पाप,
उन्हें कभी नहीं की जा सकती माफ।
मंदिरों में देवताओं को पुष्प अर्पण,
और बाहर में घिनौने काम करते हो।
क्या सो गई है सरकार ?
ऐसे दरिंदों को करके दरकिनार।
शिक्षा का तो कोई कुछ मतलब नहीं,
जब हमारी मां बहन ही सुरक्षित नहीं।
सच पूछो तो ऐसी स्थिति देखकर,
जीने का बिल्कुल मन ही नहीं करता।

**पुष्पा कुमारी



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