जिंदगी का सफर कविता
वों पल बड़ा सुहाना था,
जहां न रोते न दिन का ठिकाना था।
अब तो व्यस्तता - सी आ गई,
शायद अब जिंदगी के तरीके बदल गए।
वक्त और हालात,
यह दोनों मेरे जज्बात बदल दिए।
हालात हमेशा एक समान नहीं रहते,
सब्र रख तेरा भी वक्त आएगा।
तू बस मेहनत से पीछे मत हटना।
बेड़े ही मुकद्दर से मिली है,
जिंदगी इसे कभी व्यर्थ मत गवाना।
क्षणिक सुख कभी मत चाहना,
कभी पथ मुहर मत हो जाना।
किसी की आलोचना मत करना,
व्यर्थ का समय न बिताना।
नेगी के मार्ग पर तुम,
हमेशा ही अडिग बने रहना।
कहने वाले का काम है कहना,
आपको बस सही करते जाना है।
**पुष्पा कुमारी
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