तू एक वरदान नहीं, जगदीश्वर हो
स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका
जनमानस का कल्याण है
और मिलता बहनों का प्यार
जहां साहस की उनकी गाथा
मानवता कर रही चित्कार
व्याकुल हो रही मन तेरे हैं
न कोई दर्द न कोई आराम
जिंदगी बस है देश के नाम
तुम्हारी इंसानियत पर नाज है हमें
तू फरिश्ता भी नहीं, मां का रूप हो
गोली-दवा-सुई के मोहताज है हमें
तू कर्तव्यनिष्ठा का चरमोत्कर्ष हो
तू अपारदर्शी और दर्पण हो
जहां सम्मान - सुरक्षा बचाएं रखती हो
तू परिचारिका सेवा का आदर्श हो
तुम एक वरदान नहीं, जगदीश्वर हो
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