आम की मजंरी कविता


मौसम है बड़ा सुहाना
 खेतों में सरसों की डाली
जहां है आम मंजरी का बहाना
कितना कोमल कितना सुंदर 
मधुकर कर मधुमय निराली
जहां है सुंदर-सुंदर हरियाली
व्योम में मेघ घटा का आबंडर
बच्चों का टोली टिकोला का लिप्सा
खट्टी - मीठी टिकोला का मजा
छोटे-छोटे कितने मोहक
कहीं तरुवर की छाया
कहीं पिक की कूक की बोल
कहीं परिंदा का बसेरा
सुंदर की लालिमा आकृति
ज्येष्ठ-आषाढ़ का आवना
मधुर-मधुर आम के लुत्फों का महीना
अद्भुत सुंदर मनोरम - सा



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