आत्मनिर्भर बनो
दुनिया में आए हो अकेले
दुनिया से जाना भी है अकेले
सभी ज़हां होंगे आपके खुशियों में
विपत्तियों में सिर्फ आप स्वयं होंगें
गुरुर किस बात का है जनाब
मिट्टी से बने मिट्टी में मिल जाएंगे
नामोनिशान तक मिट जाएंगे
अपमान की बात करते हैं जनाब
लोगों के मुंह बात का ठिकाना नहीं
क्योंकि तस्करी का दुनिया है ज़हां
गर हौसला हो बुलंदओं के
तो तेरी भी ऊंची होगी उड़ान
बस कभी दूसरों के खातिर
कभी मत हो जाना शातिर
सही पगडंडियों की ओर चलना
खुद को कभी नहीं बदलना
स्वयं की सकारात्मक सोच रखो
जो आपको बनाएंगी सर्वोच्च
बदनाम तो अच्छे लोग भी हैं यहां
क्योंकि यहां मतलबी लोग भी हैं यहां
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