मां कविता
ममता की मूरत वों
उनकी प्यारी-सी सूरत
वों बड़ी खूबसूरत,
वों और कोई नहीं,
वों मेरी मां है।
सारी गलतियां माफ़ करने वाली,
गमों को चुपचाप सहनेवाली,
बच्चों की खुशियां के खातिर,
हमेशा मर मिटने वाली,
वों हमारी मां है।
दुनिया वाले मतलबी है यार,
वह दिल से नहीं,
दिमाग से करते हैं प्यार
जो कोई ना समझे उनकी कीमत,
उनकी ना कभी होती अहमियत।
तनिक सुख नहीं चाहती वों,
पर क्षणिक सुख के खातिर,
आज बच्चे इनको भूल जाते हैं,
मां का है सच्चा प्यार,
बाकी सब झूठा संसार।
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