विचार ( कविता )
मेरा तेरा क्या है विचार ?
क्या विचार से मिलता है
दोनों का आचार - व्यवहार ?
तुम दक्षिण और मैं वाम
पर रहते थे दोनों आसपास
अब हम दोनों हो गए नाकाम ।
हम दोनों खिसक रहे थे
धीरे-धीरे घट रही थी दूरियां
पर अपने रास्ते चल रहे थे ।
अब बीच में खाई खुद गयी
गहरी और चौड़ी हो गयी
दोनों दूर-दूर हो गए ।
अवसरवादियों की बन आयी
लोग छलांग लगाने लगे
वैचारिक पहचान मिट गयी ।
अब किसी पर कोई भरोसा नहीं
अदला-बदली रोज का सौदा है
जो कल था वह आज नहीं ।
विचार अब एक का मौसम है
कल वर्षा थी आज सूखा है
रोज-रोज सब दल बदल रहे हैं ।
अब नहीं रहा विचार से प्यार
हर रोज बताओ तुम साथी
मेरा तेरा क्या है विचार ?
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