सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान ( 11th class Geography )


1. वायु कब पवन का रूप ले लेती है ?
वायु जब गतिमान अवस्था में आ जाती है , तब वह पवन का रूप ले लेता है ।
वायु और पवन की संरचना समान होती है ।
वायु लंबवत गति करती है लेकिन पवन क्षितिज गति करती है ।

2. वायुमंडल किसे कहते हैं ?

 का आवरण ही वायुमंडल है , जो बहुत सी गैसों से बना है । इन्हीं गैसों के कारण ही पृथ्वी पर जीवन पाया जाता है ।

3. पृथ्वी ऊर्जा कहां से प्राप्त करती है ?
पृथ्वी अपनी ऊर्जा का लगभग संपूर्ण भाग सूर्य से प्राप्त करती है ।
इसके बदले पृथ्वी सूर्य से प्राप्त उर्जा को अंतरिक्ष में वापस विकृत कर देती है ।
परिणाम स्वरूप पृथ्वीनाथ अधिक समय के लिए गर्म होती है और न अधिक ठंडी ।

4. सूर्यताप किसे कहते हैं ?
पृथ्वी को प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सूर्यताप कहते हैं ।
पृथ्वी के पृष्ठ पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा का अधिकतम लघु तरंगदैध्य के रूप में आता है ।
सूर्यताप को आगामी सौर विकिरण कहते हैं ।

5. पृथ्वी वायुमंडल का ऊपरी सतह पर कितना ऊर्जा प्राप्त करता है ?
1.94 कैलोरी प्रति वर्ग सेंटीमीटर
6. वायुमंडल के ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाले ऊर्जा क्यों अंतर होता है ?
वायुमंडल की ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा में प्रतिवर्ष थोड़ा परिवर्तन होता है ।
यह परिवर्तन पृथ्वी एवं सूर्य के बीच दूरी में अंतर के कारण होता है ।

7. अपसौर किसे कहा जाता है ?
सूर्य के चारों और परिक्रमण के दौरान पृथ्वी 4 जुलाई को सूर्य से सबसे दूर अर्थात 15 करोड़ 20 लाख किलोमीटर दूर होती है ।

8. उपसौर किसे कहते हैं ?
सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान पृथ्वी  3 जनवरी को सूर्य से सबसे निकट अर्थात 14 करोड़ 70 लाख किलोमीटर दूर होती है ।

9. सूर्यताप की भिन्नता का प्रभाव के कारक क्या है ?
स्थल एवं समुंद्र का वितरण
वायुमंडल परिसंचरण

10. सूर्यताप में होने वाले विभिन्नता के कारक क्या - क्या है ?
पृथ्वी को अपने अक्ष पर घूमना
सूर्य की किरणों की नति कोण
वायुमंडल की पारदर्शिता
स्थल विन्यास

11. कौन से ऐसे दो कारक हैं जो सूर्यताप के प्रभाव को कम करता है ?
वायुमंडल की पारदर्शिता
स्थल विन्यास

12. पृथ्वी के अक्ष सूर्य के चारों ओर परिक्रमण की क्षमता कक्षा से कितना का कोण बनाती है ?
66 1/2°

13. सूर्य की ताप को प्रभावित करने वाले कारक किरणों का नति कोण का विश्लेषण करे।
किरणों का नति कोण किसी स्थान के अक्षांश पर निर्भर करता है ।
अच्छा से जितना उच्च होगा ( अर्थात ध्रुवों की ओर ) किरणों का नति कोण उतना ही कम होगा ।
किरणों की अधिक क्षेत्र पर पड़ने के कारण ऊर्जा वितरण बड़े क्षेत्र पर होता है , किरणों की गहनता कम हो जाती है ।
तिरछी किरणों को वायुमंडल के अधिक गहराई से गुजरना पड़ता है अधिक अवशोषण प्रकीर्णन एवं वितरण के द्वारा ऊर्जा का अधिक हा्स होता है ।

14. जब सौर विकिरण वायुमंडल से गुजरने के दौरान क्या-क्या परिवर्तन होता है ?
लघु तरंगदैर्ध्य वाले सौर विकिरण के लिए वायुमंडल अधिकांशत: पारदर्शी होता है ।
पृथ्वी की सतह पर पहुंचने से पहले सूर्य की किरणें वायुमंडल से होकर गुजरती है ।
छोभ मंडल में मौजूद जलवाष्प, ओजोन तथा अन्य किरणें अवरक्त विकिरण को अवशोषित कर लेती है ।

15. आकाश में रंग के लिए उत्तरदायी कौन है ?
क्षोभमंडल में छोटे निलंबित कण दिखने वाले स्पेक्ट्रम को अंतरिक्ष में पृथ्वी की सतह की ओर विकिर्ण कर देते हैं, यही प्रकीर्णन प्रक्रिया से आकाश में रंग के लिए उत्तरदायी है ।
इसी से उदय एवं अस्त होने के समय सूर्य लाल दिखता है तथा आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है ।

16. धरातल पर प्राप्त उष्ण कटिबंध में सूर्यातप की मात्रा कितना होती है ?
320 वाट / प्रति वर्ग मीटर

17. ध्रुवों पर प्राप्त सूर्यातप की मात्रा कितनी होती है ?
70 वाट / प्रति वर्ग मीटर

18. सबसे अधिक सूर्यातप की मात्रा कौन मरुस्थल में पाई जाती है और क्यों ?
उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों, क्योंकि यहां मेघाच्छादन बहुत कम पाया जाता है ।

19. सूर्यातप की मात्रा अधिक कहां - कहां प्राप्त होती है ?
उष्ण कटिबंध
महाद्वीपीय भाग
ग्रीष्म ऋतु में मध्य एवं उच्च अक्षांश पर

20. सूर्यातप की मात्रा कम कहां कहां प्राप्त होती है ?
विश्ववत् वृत्त
महासागरीय भाग
शीत ऋतु में मध्य एवं उच्च अक्षांश पर

21. परिचालन/चालन प्रक्रिया किसे कहते हैं ?
1. सौर विकिरण से गर्म होने के बाद पृथ्वी सतह के निकट स्थित वायुमंडलीय परतों में दीर्घ तरंगों के रूप में ताप का संचरण करती है।
2. पृथ्वी के संपर्क में आने वाली वायु धीरे-धीरे गर्म होती है ।
3. निचली परतों के संपर्क में आने वाली वायुमंडल के ऊपरी परतें भी गर्म हो जाती है।
4. जब असमान ताप वाले दो पिंड एक - दूसरे के संपर्क में आते हैं, तब चालन होता है।
5. गर्म पिंड से ठंडे पिंड की ओर ऊर्जा का प्रभाह चलता है ।
6. ऊर्जा का स्थानांतरण तब तक होता रहता है, जब तक दोनों पिंडों का तापमान एक समान नहीं हो जाता ।

22. वायुमंडल की निचली परत को गर्म करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
परिचालन या चालन प्रक्रिया

23. संवहन किसे कहते हैं ?
पृथ्वी के संपर्क में आने वाली वायु गर्म होकर धाराओं के रूप में लंबवत् उठती है और वायुमंडल में ताप का संचालन करती है।
वायुमंडल के लंबवत् तापन की यह प्रक्रिया संवहन कहलाती है ।

24. संवहन प्रक्रिया कौन मंडल तक सीमित होती है  ?
क्षोभमंडल

25. अभिवहन प्रक्रिया किसे कहते हैं ? इसकी व्याख्या करें ।
1. वायु के क्षैतिज संचलन से होने वाला ताप का स्थानांतरण अभिवहन कहलाता है।
2. लंबवत् संचलन की अपेक्षा वायु का क्षेतिज संचलन सापेक्षिक रूप से अधिक महत्वपूर्ण होता है।
3. मध्य अक्षांशों में दैनिक मौसम में आने वाले भिन्नताएं केवल अभिवहन के कारण होती है।
4. उदाहरणस्वरूप :-उत्तरी भाग में गर्मियों में चलने वाली स्थानीय पवन लू

26. पार्थिव विकिरण किसे कहा जाता है ? इसकी व्याख्या करें ।
1. पृथ्वी द्वारा अपनी ऊर्जा से वायुमंडल को नीचे से गर्म करती है। इस प्रक्रिया को पार्थिव विकिरण कहा जाता है।
2. पृथ्वी द्वारा प्राप्त प्रवेशी सौर विकिरण, जो लघु तरंगों के रूप में होता है, पृथ्वी की सतह को गर्म करता है।
3. पृथ्वी स्वयं गर्म होने के बाद एक विकिरण पिंड बन जाती है और वायुमंडल में दीर्घ तरंगों के रूप में ऊर्जा का विकिरण करने लगती है।

27. दीर्घ तरंगदैर्ध्य विकिरण को कौन-कौन गैस अवशोषित कर लेता है ?
1. वायुमंडलीय गैसों
2. कार्बन डाइऑक्साइड
3. अन्य ग्रीन हाउस गैस

28. वायुमंडल किस प्रकार से गर्म होता है और किस प्रकार पृथ्वी के तापमान को संतुलन में रखता है ?
1. वायुमंडल पार्थिव विकिरण द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से गर्म होता है ।
2. तदुपरांत वायुमंडल विकिरण द्वारा ताप को अंतरिक्ष में संचालित कर देता है । इस प्रकार पृथ्वी की सतह एवं वायुमंडल का तापमान स्थिर रहता है ।

29. पृथ्वी का ऊष्मा बजट




मान लें कि वायुमंडल की ऊपरी सतह पर प्राप्त सूर्यातप 100 प्रतिशत है। वायुमंडल से गुजरते हुए ऊर्जा का कुछ अंश परावर्तित, प्रकीर्णित एवं अवशोषित हो जाता है। केवल शेष भाग ही पृथ्वी की सतह तक पहुंचता है।
1. 100 इकाई में से 35 इकाई पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने से पहले ही अंतरिक्ष में परिवर्तित हो जाती है।
2. 27 इकाइयां बादलों की ऊपरी छोर से परावर्तित हो जाती है ।
3. 2 इकाइयां पृथ्वी के हिमाच्छादित क्षेत्रों द्वारा परावर्तित हो जाती है।

सौर विकिरण की इस परिवर्तित मात्रा को पृथ्वी का एल्बिडो कहते हैं।

प्रथम 35 इकाइयों को छोड़कर बाकी 65 इकाइयां अवशोषित होती है :-
वायुमंडल में 14%
पृथ्वी के धरातल द्वारा 51%

पृथ्वी द्वारा अवशोषित 51 इकाइयां पुन: पार्थिव विकिरण के रूप में लौटा दी जाती है
1. 17 इकाइयां तो सीधे अंतरिक्ष में चली जाती है
2. 34 इकाइयां वायुमंडल द्वारा अवशोषित होती है :-
a. 6 इकाइयां स्वयं वायुमंडल द्वारा
b. 9 इकाइयां संवहन के जरिए
c. 19 इकाइयां संघनन की गुप्त ऊष्मा के रूप में
3वायु मंडल द्वारा 48 इकाइयों का अवशोषण होता है :-
a. 14 इकाइयां सूर्यातप की
b. 34 इकाइयां पार्थिव विकिरण (वायुमंडल विकिरण द्वारा इनको भी अंतरिक्ष में वापस लौटा देता है )

पृथ्वी के धरातल से अंतरिक्ष में वापस लौटने वाले विकिरण की इकाइयां 17 है।
वही वायुमंडल से अंतरिक्ष में वापस लौटने वाले विकिरण की इकाइयां 48 है।
पूरे रूप से अंतरिक्ष में वापस लौटने वाले विकिरण की कहानियां 65 होता है।

30. ऊष्मा बजट या ऊष्मा संतुलन किसे कहते हैं ?
1. अंतरिक्ष में वापस लौटने वाले 65 इकाई सौर विकिरण का संतुलन कर देती है, जो सूर्य से प्राप्त होती है। यही पृथ्वी का ऊष्मा बजट अथवा ऊष्मा संतुलन कहते हैं।
2. इसी के कारण पृथ्वी न तो बहुत गर्म होती है और न ही ठंडी होती है।


31. पृथ्वी की सतह पर कुल ऊष्मा बजट में भिन्नता क्या है ?
1. पृथ्वी की सतह पर प्राप्त विकिरण की मात्रा में भिन्नता पाए जाती है।
2. पृथ्वी के कुछ भाग में विकिरण संतुलन में अधिशेष ( Surplus ) पाया जाता है।
3. ऊपर के चित्र में दिखाया गया है कि शुद्ध विकिरण में अधिशेष ( Surplus ) 40 डिग्री उत्तरी एवं दक्षिणी अंक्षाशों मे अधिक है।
4. वही ध्रुव के पास में कमी (Deficit) पाई जाती है।
5. उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से ताप ऊर्जा ध्रुवों की ओर पुनर्वितरण होता है।
6. इसके फलस्वरूप उष्ण कटिबंध ताप संचयन के कारण बहुत अधिक गर्म नहीं हो और ना ही उच्च अक्षांशों अत्यधिक कमी के कारण पूरी तरह जमे हुए हैं।











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