लाल झंडा
लाल झंडा फहराया है
नारे लगाए तराने गाए हैं
अपनी आवाज उठाए हैं
दुश्मनों को ललकारा है
लाल झंडा फहराया है ।
अनगिनत शहीदों के खून से
यह झंडा लाल हुआ है
किसानों और मजदूरों का
यह एकमात्र सहारा है
लाल झंडा फहराया है ।
यह जीवन ज्योति जलाता है
जोर जुलुम से टकराता है
पीछे मुड़कर नहीं देखता
आगे - आगे बढ़ता जाता है
लाल झंडा फहराया है ।
जब संघर्ष का बिगुल बजता है
यह लहर - लहर लहराता है
शहीदों की मुट्ठी में बंधकर
यह ऊपर उठते जाता है
लाल झंडा फहराया है ।
झुक नहीं सकता यह झंडा
चाहे जितनी देनी हो कुर्बानी
जब तक मुट्ठी में रहता है
खून में बढ़ती जाती रवानी
लाल झंडा फहराया है ।
कदम - कदम जब बढ़ता है
इसे कोई रोक नहीं सकता है
जो पत्थर दरिया को रोके
वह दरिया में बह जाता है
लाल झंडा फहराया है ।
इस झंडे का कहना है
जीने के लिए तुम्हें मरना है
तुम्हें कायर नहीं बनना है
मरने के लिए नहीं जीना है
लाल झंडा फहराया है ।
चिलचिलाती धूप हो
ओला पत्थर बरसता हो
जुल्म की बौछार हो
लाल सेना बढ़ती जाती है
लाल झंडा फहराया है ।
यह झंडा है वीर जवानों का
मस्तानों का आजादी के दीवानों का
जिसने बांध लिया सर पर कफन
यह झंडा है उन्हीं शहीदों का
लाल झंडा फहराया है ।
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