दुनिया और नवजवान


गौर  से  देखो इस धरती  को
जीवन मौत से बेहतर नहीं है 
कोलाहर  से  भरी  है दुनिया 
उपद्रवग्रस्त    वातावरण   है 


व्यवस्था जिंदगी खराब कर रही 
शराब    पीना  सिखा    रही  है 
गंदी   सिनेमा    दिखा  रही   है 
खेलों  से   पागल  बना  रही  है 


खर्च    नहीं   होता   पढ़ने  में 
खर्च नहीं होता भूख मिटाने में 
खर्च नहीं होता  बीमारियों  में 
खर्च होता हथियार खरीदने में 


चंद्र विलासी  पैसे  वालों  से 
वायुमंडल  दूषित हो रहा  है 
घोटालों और  काले  धन  से 
धन - संग्रह की होड़ लगी है 


जो इस दुनिया को  बदल  बदल  डाले 
वह    भारत    का    नव   जवान   है 
भाग्य    को  कोसने  वाला   बुड्ढा   है 
भाग्य लेखा जो बदले वह नवजवान है


स्वस्थ   और   संकल्पित   होकर 
गैर बराबरी की चुनौती  देने वाला
समतामूलक समाज बनाने  वाला 
भारत का  सच्चा  नव  जवान  है

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