क्रांति कैसे होगी ?
सारा जग है भिखारी ,
दाता है केवल राम ।
भजन बिना राम बोलो ,
कैसे होगा कोई काम ?
ऊंच-नीच का भेद भरा है ,
गरीब- अमीर बना हुआ है ।
कैसे जग बदल सकता है ,
मालिक केवल राम हैं।
जग परिवर्तन कैसे होगा ,
जिसके निर्माता राम हैं ।
परमेश्वर की इच्छा बिना ,
क्या पत्ता भी हिलता है ?
व्यवस्था कैसे बदलेगी ,
जिसके रक्षक भगवान हैं ।
गरीबी कभी नहीं मिटेगी ,
कर्मफल सब पाते हैं ।
राजा ,पूंजीपति, तानाशाह,
ईश्वर के प्रतिनिधि हैं।
शोषण हो या उत्पीड़न ,
सब कुछ तुमको सहना है ।
कांति कैसे हो सकती है ,
आस्था का तीर चलेगा ।
रहेगा भाग और भगवान ,
नया संसार नहीं बसेगा ।
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