एक बनाओ ( कविता )
अगर एक हैं ईश्वर
तो एक धर्म बनाओ
विवेक जाति के जीव हैं
मानव को भी एक जाति मानो
सब जीवों का धर्म अलग है
एक मानव धर्म बनाओ ।
राम , बुद्ध , मोहम्मद , ईसा
सभी धरोहर है मानव के
इनमें नहीं है कोई झगड़ा
सभी पैगंबर है ईश्वर के
हिंदू , मुस्लिम , सिख , ईसाई आओ
मानवता का एक मंदिर बनाओ ।
स्वर्ग नरक में आग लगाकर
धरती को ही स्वर्ग बनाओ
घृणा - द्वेष , ईर्ष्या को बहाकर
प्रेम सागर में उन्हें मिलाओ
देश - देश के मानव मिलकर
मानवता की एक सरकार बनाओ ।
कहते हो तुम धरती को माता
माता को टुकड़ों में मत बांटो
देशभक्ति का भाव मिटाकर
विश्व भक्ति का पाठ पढ़ाओ
एक देश हो , एक राष्ट्र हो
एक सुंदर संसार बनाओ ।
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