संविधान दिवस ( कविता )

इस संविधान का आविर्भाव हुआ 1949 ईस्वी ( नीति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी संवत 2006 विक्रमी ) को एतद् द्वारा करते हैं, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित संविधान दिवस है भारत का दिवस है यह तो भारत का गणराज्य दिवस है इनकी प्रस्तावना है संविधान की आत्मा इनसे मिलती है मौलिकता अधिकार संप्रभुता की अवधारणा, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक के ज्ञानों का स्वरूप है और मिलती है विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता संविधान का मूलभूत उद्देश्य याद दिलाती है राष्ट्र की एकता और अखंडता का ज्ञान और याद दिलाती है समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य संविधान दिलाती है अपने राष्ट्र के प्रति पहचान और समस्त नागरिकों को दिलाती है प्रतिष्ठा, अवसर की समता और व्यक्ति की गरिमा, उन संविधान को कोटि-कोटि नमन