पितृ परमेश्वर
गिरिराज होते जहां नतशिर
जगन्नियन्ता के है जो अरदास
महारथी है वो , सारथी भी
ख्वाहिशों के है सरताज
ख्वाबों के हैं चिन्त्य कायनात
मशरूफ़ियत मकुं फौलाद सरीखे
जीवन पर्यन्त अजूह स्कन्ध स्तम्भ
महाच्छाय अहर्निश कुटुम्ब किमाम
सकल दिव्यता सन्तति तात
तालीम ड्योढ़ी विरासत दामन
मुखरित हूङ्कार प्रखर नहीं
मुआफ़कत नय वृहत नाज
सान्त्वना सहचर अचिर विधु
ज़मीर व्यञ्जना निध्यान पन्थी
निर्व्याधि फरिश्ता अनुगृहीता हम
गोरवन्त गरिमा विप्लव भीरुता
चक्षु सैलाब विहङ्ग मञ्जरी
चिराग दीप्तिमान् उज्ज्वल धरा
परिणति सर्वेश्वर नियत रहबर
पितृसत्तात्मक अधिष्ठाता खलक
टिप्पणियाँ