लालिमा




नभ में सूरज की लालिमा
 इन्द्रधनुष सप्तरङ्ग की छाया 
भोर सारङ्ग  साञ्झ दीवानी 
कर रही पुष्प  मन मस्तानी

स्वर - नाद प्रस्फुटित होती भव
कर  नतशिर  तरुवर  त्रिदिव
करती अनाविल धरा अगवानी
होती महफ़िल इब्तिदा मदन

समीर अरसौहाँ मन्द - मन्द  ऊर्मी
क्षितिज रश्मि उत्कण्ठित मानिन्द
पारावार चन्द्रज्योत्सना रोह उमङ्ग
तअज्जुब मदमाती कजरारे धरा

स्फुलिङ्ग रवानियाँ रूपहली आभा
भाव - विभोर  भव्य  भवसागर
पुष्पवटुक पूर्णाहुति प्रीति - राग
विच्छिन्न विभूति  व्योम - विहार

स्वच्छन्द समरस सुरसरि शहजोर
श्रृङ्गार शौर्य सुनाती विरुदावली दास्तां
रोमाञ्च भर उठती रोमावलि काया
मृग - मरीचिका मधुकर मतवाला

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रामधारी सिंह दिनकर कविताएं संग्रह

आंकड़ों का आरेखी प्रस्तुतीकरण Part 3 (आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण) 11th class Economics

मेसोपोटामिया सभ्यता का इतिहास (लेखन कला और शहरी जीवन 11th class)