महङ्गाई
जीवन जीना दुसाध्य हो रहा
इस महङ्गाई भरी दुनिया में
रोज - रोज कीमत की तादाद
विकल त्रास तृष्णा की क्यों मृगाद ?
दारुण विडम्बना की मण्डी महाशून्य
इच्छा निरोधस्तपः निर्मम घात
पसोपेश अबलता व्यतीपात व्यङ्गय
अकिञ्चित्कार स्पृहा मुख़ालिफ
चकाचौन्ध अनुपशान्त अकूत प्रपञ्च
आहत खिन्नता कुढ़न ग्रन्थन
ख़ुद्दारी दर्प अखिल दञ्श भरा
कुण्ठित ठाट णँता कृश अकारथ
उस्वाँस निनाद तड़ित् तञ्ज
सम्भार वाञ्छा ऐश्वर्य जगत
इन्हिसार निज़ात निरोध तार्क्ष्य
आखोर औन्धा नृशन्सता आडम्बर
देवारी - सी स्पर्द्धा किसबी बलात्
कार्पण्य उपालम्भ ख़ुद्दारी मगरूर
वज्रादपि कठोराणि सन्तप्त काँखते
अँधड़ कदर वाञ्छित निहारी
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