बादल दादा आओ ना
बादल दादा आओ ना
मुझको एक गीत सुनाओ न
झूम - झूम घूम - घूम कर
पानी के बहार लाओ न
किसानों पर पड़ी समस्या
उसका पयाम लाओ न
झूम - झूम घूम - घूम कर
खेतों में पानी बरसाओं न
नदियाँ तालाब सूख रहें
पानी अकाल बढ़ चले
जीव - जन्तु पेड़ - पौधे
पानी के लिए सब तरस रहें
बादल दादा टङ्कार लगाई
बिजली ऊपर से कौन्ध पड़े
काली नीली ऊपर आसमान
पानी की बरस रहे बहार
मेण्ढ़क टर - टर कर रहें
मछली खुशी से नाच रही
सरसों की झूमती हरियाली
कितनी सुन्दर कितनी भाती
बच्चे जब सुने यह टङ्कार
नाव - छाता ले दौड़ लगाई
झूम - झूम घूम - घूम कर
बच्चें खुशी से नाच उठे
चिड़ियाँ चूं - चूं करती जाती
आपस में कभी लड़ती जाती
कितनी सुन्दर कितनी प्यारी
सबको कितनी सुन्दर भाती
चिड़ियाँ घर को लौट गए
किसान खेतों को बढ़ चले
सूरज भी आए वों भी गए
पानी बरस - बरस रहे नभ
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