समय
निर्झर सदा बहता रहता है
समय चलता रहता है
जीवन धरा में बहता है
गति ही सब का आधार है
निर्झर कभी नहीं रुकता
समय कभी नहीं थमता
अगर जीवन रुक जाए तो
उसे ही मौत कहते हैं
समय छोटा-छोटा होता है
जीवन रुक-रुक कर चलता है
व्यवधानओं की आंधी में ही तो
नदी-नाव अलग हो जाते हैं
जब जीवन में क्रांति आती है
समय नवीन को जन्म देता है
मानव कुछ कर दिखाता है
समय इतिहास बन जाता है
सूखा में खेत सूख जाते हैं
वर्षा में अंकुर उग आते हैं
ध्वंस और निर्माण के बीच
नए समय में कदम रखते हैं
जवानी बचपन नहीं लाती
बूढा बात जवानी नहीं आती
समय की सुई भी तो यार
कभी उलटी नहीं घूमती
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