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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैं पतझर जैसा नीरस हूं

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जैसें सीता बसी राम में, मोहन में बसती राधा। वैसे तुम मुझमें बसती हो, प्रिय तुम बिन मैं हूँ आधा।। मैं पतझड़ जैसा नीरस हूँ, तुम वसंत रितु प्यारी हो। मैं हाड़-मांस का पुतला हूँ, प्रिय तुम प्राण हमारी हो।। तूं धरती मैं नील गगन हूँ, मैं सागर तुम सरिता है । मैं भौंरा तू पुष्प बाग की, तेरे संग बहकता है ।। मैं शब्द हूँ तुम हो छंद प्रिय, मैं कवि तुम कविता मेरी । अक्षर बनकर आत्म-पटल पर, छाई तुम वनिता मेरी ।। मैं हरिवंश का कलम प्रिय हूँ, तुम मेरी हो मधुशाला । मैं उस दिन ही सब जीत लिया, पहनाई जब वरमाला ।। मैं साजन तू सजनी मेरी, तुम मेरी परछाई हो । कर्मभूमि में बनी सारथी, उतर स्वर्ग से आई हो ।। रात अमावस देख कभी भी, हे सजनी मत घबराना । प्रीत-प्यार की जगा रोशनी, संग सदा चलती जाना ।।

शहीद अमित राज का गाथा

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उन बिहारी वीर अविनाशी सपूतों की गाथा नालंदा है जन्म भूमि स्थल उन वीर पराक्रम का उनका शौर्य, साहस की गाथा इस तरह बयां करती हैं, जिससे  रूह भी कांप उठे और दिल भी धधक उठे । उन बहादुर वीरों की दास्तां जो आग की लपटों को हृदय लगाया, उन जौहर के लपटों में तीन बच्चों को  हिफाजत कर  मानवता का कर्ज उतारा और अंततोगत्वा धराशाई हुआ  उनको नमन, उनको नमन, उनको कोटि-कोटि नमन । वैश्वानर से उनकी गात छिन्न-भिन्न हो गया था  कौतूहल-सा दृश्य देखकर लोग क्रंदन  हो रहे थे शोले होने थे सभी आंखों में बहती जलधारा थी वहीं वहां के महानायक थें वहीं वहां के वीर सिपाही । उन कुर्बानी का दीपक घोर अंधियारा-सा छा गया अश्रुधार जब तेज हुई थरथर कांप रही थी मां, आंखों में आंसू भर कर मां का आश्रय छूट गया बात बहुत गहरे मातम थीं लोगों के अंदर अश्रु फूट रहे थें । वह पद्रह साल का शूरवीर सैनिक स्कूल पुरूलिया के कैडेट दसवीं का बिहारी अमित राज था, वह वीर जिनका बचपना गया नहीं, उनकी वीरता और हिम्मत के गाथा को सुन लोग हतप्रभ हो जाते हैं । उन कुर्बानी के दीपक को देख सुर्य भी शर्माने लगता हैं उनके लि...

अल्बर्ट आइंनस्टाइन के बारे में रोचक तथ्य

╰⍆☞'रोचक तथ्य'☜┼╯: ❇️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️⬛️❇️   ☞"अल्बर्ट आइंनस्टाइन के बारे में रोचक                        ✍️✍️ 1. जब आइंस्टाइन का जन्म हुआ तब इनका सिर बहुत बड़ा था और इन्होंने 4 साल की उम्र तक बोलना भी शुरू नही किया था। मगर एक दिन जब 4 साल के आइंनस्टाइन अपने माता पिता के साथ रात के खाने पर बैठे थे तो उन्होने अपनी चार साल की चुप्पी तोडते हुए कहा -‘shoop बहुत गर्म है ‘। अपने बेटे के इस तरह से चार साल बाद एकदम बोलने से आइंनस्टाइन के माता-पिता हैरान हो गए। 2. आइंनस्टाइन समुद्री यात्रा करते समय और violin बजाते समय मोजे (जुराबे )पहनने पसंद नही करते थे। 3. जब आइंस्टाइन प्रिंसटन यूनिव्हर्सिटी में कार्यरत थे तो एक दिन university से घर वापस आते समय वे अपने घर का पता ही भूल गए। हालांकि प्रिंसटन के ज्यादातर लोग आइंस्टाइन को पहचानते थे, किंतु जिस texy में वे बैठे थे उसका driver उन्हें नहीं पहचानता था। आइंस्टाइन ने driver से कहा, “क्या तुम्हें आइंस्टाइन का पता मालूम है?” driver ने जवाब दिया, “प्रिंसटन में भला कौन उनका पता नहीं जाने...

बिहार के पत्रकार का संपर्क सूत्र

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बिहार पत्रकार अरूण   कुमार   शर्मा -  संवाददाता ,  आजतक ,  समाचार   चैनल ,  नक्की नगर ,  केशोपुर ,  जमालपुर ,  मुंगेर ,  बिहार ,  मो .  9431612913 अमिताभ   कुमार -  कार्यालय   प्रतिनिधि ,  हिन्दुस्तान ,  हिंदी   दैनिक , गुमटी   नं . 1,   लीची   बगान ,  भीखनपुर ,  भागलपुर - 812001.   बिहार , मो .  9430815839 अनुज   कुमार   शिवलोचन -  ब्यूरो   प्रमुख ,  सहारा   समय ,  तीसरी मंजिल ,  चंद्रलोक   काम्पलेक्स ,  घंटाघर   के   पास ,  भागलपुर - 812001. बिहार ,  मो .  9431214992,   फोन - 0641-2300540,   नि . 0641-2601212 अच्युत   पोद्दार -  पिरपैंती   संवाददाता ,  दै .  हिन्दुस्तान ,  ग्राम   पो .  ईशीपुर , बाराहाट ,  जिला - भागलपुर ,  बिहार ,  मो .  9934380828 अशोक   पाण्डे -  वरिष्ठ   पत्रकार ,...