चांदनी रात (कविता)


गर्दूं आभा से अलंकृत
चांदनी रात कितनी सुंदर 
काले-काले अंधियारो संग  
दो पक्षों के संयोजन से 
मास से वर्ष भी बीत जाना 
विश्वरूपी आद्योपान्त प्रतिनिधि 
शशि - सितारों के संग
 सर्वव्यापी प्रहरी है ।
कभी ठंडी ठंडी बयारो के झोंके 
 तो कभी बारिश की बूंदे 
कभी गर्मियों से तरबतर
 तन - मन को शीतल कर देती 
यहीं कलाविद् व्योम का
  जो है कुदरत का करिश्मा

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