जल है ( कविता )
जीवन की शक्ति है जल
जल के बिना संसार नहीं
जहां जीव की है निर्भरता
और पेड़ों पौधों का भी
संसार का अस्तित्व ही
जल है, जल है, जल है।
दुनिया का आरंभ यहीं है
जहां हुई जीवो की उत्पत्ति
आदिमानव से मानव बना
जल से जलवायु बना
पृथ्वी का दो तिहाई भाग
जल है, जल है, जल है।
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के
युग्मों से हुआ जल का निर्माण
वाष्पीकरण और संघनन से
जल से जलघर बना
नादियां व सागरों के संगम ही
जल है, जल है, जल है।
ठोस, बर्फ और गैसीय अवस्था
ही जल का संयोजक है
प्रकाश संश्लेषण और श्वसन
ही जीवन का मौलिक आधार है
रासायनिक और भौतिक गुण ही
जल है, जल है, जल है।
वरुण कुमार
रतनपुर, बेगूसराय, बिहार
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