हमारी राजधानी पटना (कविता)
यहीं मगध, यहीं कीकट, यहीं राजगीर
और यहीं है पाटलिपुत्र का पाटलिग्राम का पटना
और यहीं बृहद्रथ, जरासंध, भगवान बुद्ध
जैसे प्रतिष्ठित शासकों के रूप में गौरवमयी गाथा हैं
मगध की राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र की ओर अग्रेषित, जहां मिलती हैं पांच पहाड़ियों के मध्य का संगम
कौशल, वत्स, अवन्ति जनपद के समायोजन से
प्राचीन मगध का इतिहास ही है अखंड भारत का इतिहास है
प्राचीन से ही राजनीतिक उत्थान, पतन
एवं सामाजिक धार्मिक का केंद्र का रूप हैं
और यही महात्मा बुद्ध के समकालीन शक्तिशाली और संगठित राजतंत्र का परिचायक हैं
मगध का इतिहास भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विकास के प्रमुख स्तंभ के रूप में मिलती हैं
उत्तर में गंगा, दक्षिण में जंगलाच्छादित पठारी प्रदेशों, पूर्व में चंपा और पश्चिम में सोन तक का विस्तार हैं
शाक्य, कालाम, कोलिय, मल्ल, मोर्य, बुलि,
लिच्छवी, विदेह का प्राचीनतम गणराज्यों का समावेश
पटना ही हैं भारत के शहरों में अट्ठारहवां
सबसे बड़े शहरों का गौरव प्राप्त हुआ
पटना ही है, प्राचीनतम नगर की गरिमा और भग्नावशेष जहां मिलती हैं शिक्षा,वाणिज्य,चिकित्सा और ऐतिहासिक का ज्ञान
वहीं मिलती हैं गंगा और सोनभद्र नदियों का संगम और
यहीं है मेगास्थनीज की इंडिका पुस्तक की वसुंधरा
कभी यें पालिबोथरा कभी तो पालिनफू कहलाएं
कभी-कभी अजीमाबाद या पाटलिग्राम या पैठना
यही हैं अंतिम हिंदू सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य का पटना
प्राचीन बौद्ध और जैन धर्मों का तीर्थस्थलों का यह रूप हैं जहां मौर्य वंश, कण्व वंश, गुप्त वंश, और शुंग वंश का समायोजन हैं
यही हैं शेरशाह सूरी, चीनी यात्री फाहियान का स्थल
और यही है पटना हीं प्राचीन भारत का शासनकाल का स्वर्ण युग
सभ्यता द्वार है बलुआ पत्थर आर्क स्मारक जहां मिलती हैं महात्मा बुद्ध, महावीर, सम्राट अशोक, मेगास्थनीज महापुरुषों का उत्कीर्ण संदेश और हैं पाटलिपुत्र की परंपरा
और संस्कृति की प्राचीनतम महिमा
पाटलिपुत्र का उज्ज्वल भविष्य, बाढ़ और आग का संताप रहेगा जहां नंद वंश और मौर्य साम्राज्य का यहीं उत्कर्ष हैं
सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य का मान और सम्मान है और था सोलह महाजनपदों में मगध महाजनपद सर्वश्रेष्ठ
यहीं है सिख धर्म के गुरु गोविंद सिंह का जन्मस्थली,
और यही हरमंदिर साहब पर्यटक स्थल की विलासिता है
बिहार की राजधानी पटना ही तीन हजार वर्षों से अबतक भारत के गौरवशाली शहर का दर्जा प्राप्त है
हूणों और बख्तियार खिलजी के आक्रमण से आध्यात्मिक प्रतिष्ठान, सांस्कृतिक,राजनैतिक और धरोहर की विलासिताओं का आफत से पाटलिपुत्र की भूमि डांवाडोल से विलाप कर रहा
कभी तो अकबर, कभी औरंगजेब या कभी नवाब और ईस्ट इंडिया कंपनी का आधिपत्य रहा
कभी तो चावल, कभी सॉल्ट पीटर या कभी रेशम और कैलिको से अंतरराष्ट्रीय में वाणिज्य का केंद्र रहा
पटना के प्रशासनिक भवन, संग्रहालय, उच्च न्यायालय और विधानसभा भवन बनाने में आई एफ़ मुन्नींग की योगदानी मिलती है
वहीं पटना ही उड़ीसा, झारखंड और बिहार की राजधानियों का गौरव प्राप्त हुआ
पाटलिपुत्र, राजेंद्र कृषि,पटना जैसे विश्वविद्यालयों मे जहां मिलती हैं विद्यार्थियों को शिक्षा का आधार
पटना में छः अनुमंडल,तैइस प्रखंडों से मिलती हैं
हरेक जनों तक विकास और सुविधा का ज्ञान
पटना नगर गंगा, सोन नदी और पुनपुन नदी के बीच स्थित जिसके सहायक है घाघरा और गंडक जैसे नदियों का संगम
वही गौरव मिला दुनिया का सबसे लंबा सड़क पुल महात्मा गांधी सेतु पटना से हाजीपुर को आलिंगन करती है
यहां चार बड़ी नदियों के कारण बरस बर अगाध्य आर्द्रता का समावेश है और यहां मिलती है निदाघ सूर्यताप और उच्च तरंगों के चंद महीनों बाद वर्षा ऋतु और शीत ऋतु का भी श्री गणेश होता है
जहां हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, अंगिका, बज्जिका, मगही, मेमनी, भोजपुरी और मैथिली भाषा और बोलियां का रूप है
वहीं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई तथा जैन और बौद्ध संप्रदायों का सिद्धांत प्रतिपादित है
छठ पूजा, दशहरा, ईद, गुरु गोविंद सिंह जयंती,
क्रिसमस लोकप्रियतम पर्वो में विलक्षण हैं
बिस्मिल्लाह खान, उस्ताद अमीर खान, तलत महमूद, बीजी जोग और बिरजू महाराज जैसे दिग्गजों संगीतों में विख्यात
यहां के लोग को भात-दाल-रोटी-तरकारी-अचार तथा खिचड़ी, लिट्टी-चोखा,और सत्तूओं जैसे खानपान पसंदीदा
खाजा, मावे का लड्डू, काला जामुन, केसरिया पेड़ा, मोतीचूर के लड्डू और ठेकुआ मिष्ठानों में परिपूर्ण हैं
पटना तारामंडल, अगम कुआं, कुम्हारार, क़िला हाउस, महावीर मंदिर, गांधी मैदान,गोलघर,गांधी संग्रहालय, ताराघर, सदाकत आश्रम, शेरशाह की मस्जिद, पादरी की हवेली, बेगू हज्जाम की मस्जिद इतिहास के धरोहरों की याद दिलाती हैं
मेट्रो, सड़क परिवहन, रेल परिवहन,
हवाई परिवहन, जल परिवहन और स्थानीय परिवहनों से वाणिज्य और व्यापार तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को श्लेषण करती है
भारत छोड़ो आंदोलन में उमाकान्त प्रसाद सिन्हा, रामनन्द सिंह, सतीश प्रसाद झा, जगत्पति कुमार,
देविपदा चौधरी, राजेन्द्र सिंह, राम गोविन्द सिंह जैसे मिलती हैं सात शहीदों की कुर्बानीयों गाथा
विद्यापति, कालिदास, दिनकर, शिवपूजन सहाय, फणीश्वरनाथ रेणु, रामवृक्ष बेनीपुरी, गोपाल सिंह नेपाली जैसे साहित्यकारों से परिपूर्ण
वहीं कौटिल्य, मनु, याज्ञबल्कय, मण्डन मिश्र, नागार्जुन, कात्यानी जैसे दिग्गजों से अध्यात्म ज्ञान में प्रख्यात विद्वान
स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी में पटना पाइरेट्स प्रदीप नरवाल की कमान में लगातार तीन बार खिताब जीतने का गौरव प्राप्त हुआ
यही है हमारी जन्मभूमि, यही है हमारी कर्मभूमि, यही है हमारी स्वप्नों की राजधानी
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