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लोकतांत्रिक देश मे नेताओ के द्वारा लूट

आज हर देश लोकतांत्रिक देश बनता जा रहा हैं.जिसमे लोगो के द्वारा सरकार को चुनती हैं.वे सरकार देश का प्रधानमंत्री से लेकर गाँव की मुखिया तक का होता हैं.वे जनता के लिए भगवान स्वरूप का होता हैं.जनता हर हमेशा सरकार पर निर्भर रहती हैं. लेकिन अब सरकार के संगठन मे भ्रष्टाचारी ,सूदखोरी,हत्या,चोरी-डकैती और संगठन मे सभी का एक मत न होना आदि कि समस्याएँ से भरपूर हैं.जनता से वोट पाने की लालसा हर हमेशा पक्ष-विपक्ष के सरकार से टकराव करते रहते हैं. सरकार निर्दयीता से गरीब जनता से लगान लेकर नेताओ का पेट भरते हैं.जनता के ऊपर विकाश के लिए नाममात्र का पैसा का वहन करती हैं.पूरे पाँच वर्ष के अवधि तक यही छोटा-सा काम का ढिनढोरा पिटती रहती हैं.नेता लोग देश को खोखला बना के रख दिया हैं.देश मे गरीबो का जंजाल से हमारे मातृभूमि को शर्म से झुका दिया हैं. नेतालोग सरकार से फंड लेकर अपना पेटी भरने को हर हमेशा आतुर रहती है,ये लोग निर्बल का जमीन हड़पकर,उन्हे बेदखल कर देते है,जिससे हासिया पे गये परिवार कष्टकारी जीवन के जीने के लिए मजबूर होते हैं.उन्हे हर हमेशा दर-दर भटकना पड़ता हैं.उन्हे सरकार से लेकर कानून तक का दरबाजा खटकान...

राजस्थान चालीसा

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*🐪 राजस्थान चालीसा🐪* *------------------------* *उत्तर देख्यो दिख्खणं देख्यो*  *देश दिशावर सारा देख्यां, पणं !* *हीरा तो चमके है बाळू रेत में।* *मोतीड़ा भळके है म्हारा देश में।* *रणबंका सिरदार अठै है।* *मोटा साहूकार अठै है।* *तीखोड़ी तलवार अठै है।* *भालां री भणकार अठै है।* *साफा छुरंगादार अठै है।* *नितरा तीज तिंवार अठै है।"* *बाजर मोठ जंवार अठै है।* *मीठोड़ी मनवार अठै है।* *अन धन रा भंडार अठै है।* *दानी अर दातार अठै है।* *कामणगारी नार अठै है।* *मुंछ्यांला मोट्यार अठै है।* *पो पाटी परभात अठै है।* *तारां छाई रात अठै है।* *अर, तेजो तो गावे है करसा खेत में।* *हीरा तो चमके है बाळू रेत मे !"* --------------------। *झीणो जैसलमेर अठै है।* *बांको बीकानेर अठै है।* *जोधाणों जालोर अठे है ।* *अलवर अर आमेर अठै है।* *सिवाणों सांचोर अठै है।* *जैपुर सांगानेर अठै है।* *रुड़ो रणथंबोर अठै है।* *भरतपुर नागौर अठै है।* *उदयापुर मेवाड़ अठै है।* *मोटो गढ चित्तोड़ अठै है।* *झुंझनूं फहेतपुर सीकर शहर अठै है।* *कोटा पाटणं फेर अठै है।* *आबू अर अजमेर अठै है।* *छोटा मोटा फेर अठै है।* *अर, डूगरपुर सु...

वन्दे मातरम् ( गीत )

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वन्दे मातरम् । सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्  शस्यश्यामलां मातरम् वन्दे मातरम् ।। शुभ्रज्योत्स्नां पुलकितयामिनीम्   फुल्ल-कुसुमित-द्रुम-दल-शोभिनीम् ।  सुहासिनीं सुमधुरभाषिणीम्  सुखदां वरदां मातरम् । वन्दे मातरम् ।। कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनादकराले कोटि-कोटि भुजैर्धृत-खर- करवाले  बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं रिपुदल वारिणीं मातरम् वन्दे मातरम्  तुमि विद्या तुमि धर्म  तुमि हृदि तुमि मर्म   त्वं हि प्राणाः शरीरे  बाहु ते तुमि मां शक्ति  तोमारई प्रतिमा गडि, मन्दिरे- मन्दिरे । वन्दे मातरम् ।। त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलदलविहारिणी    वाणी विद्यादायिनी नमामि त्वां  नमामि कमलाम् अमलाम् मातरम्   सुजलां सुफलां मातरम् । वन्दे मातरम् ।। श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां   धरणीं भरणीं मातरम् । वन्दे मातरम् ।।

दोस्ती का मिसाल ( कविता )

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दोस्ती उस जिंदगी का साथ है जहां आत्मा दूसरे आत्मा से जुड़ाव है यह दोस्ती नहीं झुकने देती और ना ही मरने यह रिश्ता का मनमोहक सुगंध है जहां समाज में आनंददायक है एक दोस्त ही दूसरे दोस्त का दर्द जानता जहां सुख-दुख समय में साथ देता वहीं दोस्ती का मिसाल है और है कथा पौराणिक कथा से मिलती है दोस्ती की मिसाल जहां राम सुग्रीव की दोस्ती सिखाती है  बुरे वक्त में साथ देना  वहीं कर्ण दुर्योधन की दोस्ती का मिसाल  जहां सीखने को मिलती है किसी दोस्ती का आभार कृष्ण-सुदामा की दोस्ती की गाथा मनमोहक है  जो हमें सिखाती है दोस्ती की अहमियत दोस्ती शान-आन और विश्वास है दोस्ती पैसों से नहीं दिल से की जाती है दोस्ती ऐसा रिश्ता है जहां टकराव भी है वहीं प्यार भी दोस्ती जीवन का वह हिस्सा है जहां जाती है वहीं बन जाती दोस्ती ही जीवन की हर खुशनुमा मिठास है जहां निराश जीवन में आशा की दीप जलाती दोस्ती ऐसा समुंदर है जिसकी कोई थाह नहीं अगर मेरी दोस्त नाव है तो मैं उनकी पतवार अगर मेरी दोस्त वृक्ष है तो मैं उनकी छाया अगर मेरा दोस्त सूरज है तो मैं उनकी प्रकाश अगर मेरा दोस्त चंद्रमा है तो मैं उनकी...

संविधान दिवस ( कविता )

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इस संविधान का आविर्भाव हुआ 1949 ईस्वी ( नीति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी संवत 2006 विक्रमी )  को एतद् द्वारा करते हैं, इस संविधान को अंगीकृत,  अधिनियमित और आत्मार्पित संविधान दिवस है भारत का दिवस है यह तो भारत का गणराज्य दिवस है इनकी प्रस्तावना है संविधान की आत्मा इनसे मिलती है मौलिकता अधिकार संप्रभुता की अवधारणा, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक के ज्ञानों का स्वरूप है और मिलती है विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता संविधान का मूलभूत उद्देश्य याद दिलाती है  राष्ट्र की एकता और अखंडता का ज्ञान और याद दिलाती है समाजवादी  पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य संविधान दिलाती है अपने राष्ट्र के प्रति पहचान और समस्त नागरिकों को दिलाती है प्रतिष्ठा, अवसर की समता और व्यक्ति की गरिमा, उन संविधान को कोटि-कोटि नमन

तीन वर्ग

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1. रोमन साम्राज्य के पतन के बाद पूर्वी एवं मध्य यूरोप के भागों में क्या परिवर्तन आया ? अनेक जर्मन मूल के समूहों ने इटली, स्पेन और फ्रांस के क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया था‌। 2. चौथी सदी में रोमन समाज्य का राजकीय धर्म क्या था और इस धर्म का फैला कहां-कहां था ? ईसाई धर्म, रूम की पतन के पश्चात भी इसाई धर्म बचा रहा और धीरे-धीरे मध्य और उत्तरी यूरोप में फैल गया। 3. यूरोप में मुख्य भूमिधारक और राजनीतिक शक्ति क्या था ? चर्च 4. तीन वर्ग का क्या तात्पर्य है ? इसका अभिप्राय तीन समाजिक श्रेणीयों से है: ईसाई पादरी, भूमिधारक अभिजात वर्ग और कृषक 5. यूरोप में ईसाई लोग चर्चों को किस प्रकार से उपयोग में लाते थे ? 1. यूरोप के इतिहासों, गांव के इतिहासों का विवरण रखते थे। 2. भू-स्वामित्व के विवरणों,मुल्यों और कानूनी मुकदमा जैसी बहुत सारी सामग्री दस्तावेजों के रूप में चर्चों में उपलब्ध थी । 3. चर्चों में मिलने वाले जन्म, मृत्यु और विवाह के अभिलेखों की मदद से ही परिवारों और  4. जनसंख्या की संरचना को समझा जा सकता था। 5. चर्चों से प्राप्त अभिलेखों ने व्यापारिक संस्थाओं के बारे में सूचना दी और गीत व कहानियां...

Motion of the earth | Geography class 6 | chapter number 3 |

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1. What types of motion ? There are two types of motion. 1. Revolution 2. Rotation 2. What is rotation ? The movement of the earth on its axis. 3. What is revolution ? the movement of the earth around the sun in a fixed path on orbit is called revolution. It takes 365 and one quarter days to revolve around the sun. 4. What do you think with orbital plane ? 1. The plane formed by the orbit is known as the orbital plane. 2. The axis of the earth which is as imaginary line. 3. Makes an angle of one half 66° with its orbital plane. 5. How does the earth receive light ? 1. The earth receives light from the sun. due to the spherical shape of the earth. 2.  Only half of it gets light from the sun at a time. 6. What is circle of illumination ? The circle devides the day from night on the globe is called the circle of illumination. 7. What is earthday ? The earth takes about 24 hour to complete one rotation around it axis. This period of rotation is known as the earthday. 8. What would be c...

वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणाली

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1. वायु गर्म होने पर फैलती है और ठंडी होने पर सिकुड़ना का क्या प्रभाव वायुमंडलीय दशा पर पड़ता है ? 1. इससे वायुमंडलीय दाब में भिन्नता आती है । 2. वायु गतिमान होकर अधिक दाव वाले क्षेत्रों से न्यूनतम वाले क्षेत्रों में प्रवाहित होती है । 2. क्षैतिज गतिमान वायु क्या कहलाती है ? पवन 3. वायुमंडलीय दाब क्या निर्धारित करती है ? कब वायु पर उठेगी या कब नीचे बैठेगी इसका विश्लेषण करती है। 4. पवनें वायुमंडलीय दशा पर क्या प्रभाव पड़ता है ? 1. पवन पृथ्वी पर तापमान व आर्द्रता का पुनर्वितरण करती है, जिससे पूरी पृथ्वी का तापमान स्थिर बना रहता है। 2. ऊपर उठती हुई आर्द्र वायु का तापमान कम होता जाता है, बादल बनते हैं और वर्षा होती है। 5. वायुमंडलीय दाब भिन्नता के कारण क्या-क्या है ? 1. वायुमंडलीय परिसंचरण संबंधी बल 2. वायु बिक्षोभ 3. वायुराशियों का बनना 4. वायु राशियों के मिश्रण से मौसम संबंधी बिक्षोभ 5. उष्णकटिबंधीय चक्रवातों वायुमंडलीय दाब 6. वायुमंडलीय दाब किसे कहते हैं ? माध्य समुद्र तल से वायुमंडल की अंतिम सीमा तक एक इकाई क्षेत्र के वायु वस्तु के भार को वायुमंडलीय दाब करते हैं । 7. वायुदाब मापने की इ...

छठ पर्व का महिमा

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 कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी का पर्व है छठ पर्व छठ मनाने से मिलती है घर में सुख-समृद्धि  संस्कृतियों का विकास करती है छठ का पर्व छठ मैया का महिमा अपरंपार, भक्तों के लिए मान-मर्यादा और विश्वास का होता है विकास संप्रदायों में एकता बनाए रखती है            चाहे हिंदू हो या मुस्लिम छठ पूजा है प्राकृतिक पर्व जिसमें होती है  प्राकृतिक संरक्षण का अहम योगदान छठ पर्व का आस्था मिलती है हरेक जनों में इस पर्व का उद्देश्य सर्व कामना पूर्ति की महात्ता इस पर्व में माता और पिता करते हैं निर्जला व्रत छठ पर्व के प्रसाद से मिलती हैं, छठ मैया का आशीर्वाद छठ पर्व है ऋषि मुनियों का त्यौहार जो वैदिक  आर्य संस्कृति का झलक देखने को मिलता है इस  परंपरा का बखान मिलती है वेदों के ऋग्वेद में सूर्य पूजन, उषा पूजन की महत्ता चलती आ रही सदियों काल से यह पूजा है, हमारा संप्रदाय विश्वास  और भावनाओं का अटूट संबंध है।

सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान ( 11th class Geography )

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1. वायु कब पवन का रूप ले लेती है ? वायु जब गतिमान अवस्था में आ जाती है , तब वह पवन का रूप ले लेता है । वायु और पवन की संरचना समान होती है । वायु लंबवत गति करती है लेकिन पवन क्षितिज गति करती है । 2. वायुमंडल किसे कहते हैं ?  का आवरण ही वायुमंडल है , जो बहुत सी गैसों से बना है । इन्हीं गैसों के कारण ही पृथ्वी पर जीवन पाया जाता है । 3. पृथ्वी ऊर्जा कहां से प्राप्त करती है ? पृथ्वी अपनी ऊर्जा का लगभग संपूर्ण भाग सूर्य से प्राप्त करती है । इसके बदले पृथ्वी सूर्य से प्राप्त उर्जा को अंतरिक्ष में वापस विकृत कर देती है । परिणाम स्वरूप पृथ्वीनाथ अधिक समय के लिए गर्म होती है और न अधिक ठंडी । 4. सूर्यताप किसे कहते हैं ? पृथ्वी को प्राप्त होने वाली ऊर्जा को सूर्यताप कहते हैं । पृथ्वी के पृष्ठ पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा का अधिकतम लघु तरंगदैध्य के रूप में आता है । सूर्यताप को आगामी सौर विकिरण कहते हैं । 5. पृथ्वी वायुमंडल का ऊपरी सतह पर कितना ऊर्जा प्राप्त करता है ? 1.94 कैलोरी प्रति वर्ग सेंटीमीटर ‌ 6. वायुमंडल के ऊपरी सतह पर प्राप्त होने वाले ऊर्जा क्यों अंतर होता है ? वायुमंडल की ऊपरी सतह पर ...